Thursday, June 20, 2024

पटना हाईकोर्ट से बिहार आरक्षण कानून रद्द,

 पटना उच्च न्यायालय ने बिहार आरक्षण कानून को रद्द कर दिया है, जिसके तहत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी), अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण कोटा बढ़ाकर 65% कर दिया गया था। यह फैसला राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने लिया था। 



मुख्य बिंदु:


पटना उच्च न्यायालय ने ईबीसी, ओबीसी, एससी और एसटी के लिए आरक्षण कोटा बढ़ाकर 65% करने के बिहार सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है।

सरकार ने 2023 में आरक्षण कोटा बढ़ाकर 65% कर दिया था, जिसे अदालत में चुनौती दी गई थी।

अदालत का यह फैसला नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के लिए झटका है, जिसने राज्य में पिछड़े वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए आरक्षण नीति लागू की थी।

सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े वर्गों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण कोटा बढ़ाकर 65% किया गया था।


पृष्ठभूमि:


बिहार सरकार ने 2023 में आरक्षण कोटा बढ़ाकर 65% कर दिया था, जो पिछले 50% कोटे से काफी अधिक था।

यह निर्णय ईबीसी, ओबीसी, एससी और एसटी सहित पिछड़े वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया था, जो राज्य में भेदभाव और हाशिए पर रहने का सामना कर रहे थे। आरक्षण नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में उचित प्रतिनिधित्व मिले। प्रभाव: आरक्षण नीति को रद्द करने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले का राज्य के पिछड़े वर्गों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है। इस फैसले से सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व में कमी आ सकती है। इस फैसले से पिछड़े वर्गों की ओर से भी नाराजगी हो सकती है, जो सरकार से अधिक प्रतिनिधित्व और लाभ की उम्मीद कर रहे थे। निष्कर्ष: आरक्षण नीति को रद्द करने का पटना उच्च न्यायालय का फैसला नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक झटका है, जिसने पिछड़े वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए नीति लागू की थी। इस फैसले का सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। * पिछड़े वर्गों को राज्य में उचित प्रतिनिधित्व मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार को अपनी आरक्षण नीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।

Wednesday, June 19, 2024

Smriti Mandhana ने लगातार दूसरा शतक जड़कर कर डाली Virat Kohli की बराबरी, रिकॉर्ड्स की लगाई झड़ी

 स्मृति मंधाना ने लगातार दूसरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने विराट कोहली के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि उनके असाधारण बल्लेबाजी कौशल और खेल के प्रति समर्पण का प्रमाण है।



अकल्पनीय उपलब्धि हासिल करना


मंधना की यह उपलब्धि इसलिए और भी प्रभावशाली है क्योंकि वह अपेक्षाकृत कम समय से क्रिकेट खेल रही हैं। उनकी दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत रंग लाई है और वह महिला क्रिकेट की दुनिया में एक ताकत बन गई हैं।


रिकॉर्ड तोड़ना


लगातार दूसरा शतक जड़कर मंधाना ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और अपने लिए एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। उनके प्रभावशाली प्रदर्शन ने प्रशंसकों और आलोचकों को आश्चर्यचकित कर दिया है और उन्होंने दुनिया की शीर्ष बल्लेबाजों में से एक के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।


महिला क्रिकेट में एक नया युग 


मंधना की यह उपलब्धि न केवल एक व्यक्तिगत मील का पत्थर है बल्कि महिला क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत भी है। उनकी सफलता युवा क्रिकेटरों की एक नई पीढ़ी को खेल को अपनाने और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगी।


आगे एक उज्ज्वल भविष्य


अपनी प्रतिभा, समर्पण और खेल के प्रति जुनून के साथ, स्मृति मंधाना के आगे एक उज्ज्वल भविष्य है। वह रिकॉर्ड तोड़ना और इतिहास बनाना जारी रखेंगी, और उनका नाम क्रिकेट इतिहास के पन्नों में सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक के रूप में दर्ज हो जाएगा।

Russia’s Vladimir Putin visits North Korea for first time

 रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया की राजकीय यात्रा पर पहुंचे हैं, जो 24 वर्षों में देश की उनकी पहली यात्रा है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच हथियारों की व्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हो रही है, जिसके तहत उत्तर कोरिया आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बदले में रूस को यूक्रेन में अपने युद्ध के लिए हथियार मुहैया कराता है।


प्रमुख घटनाक्रम


पुतिन का स्वागत उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने प्योंगयांग के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर किया, जहां उनका स्वागत रेड कार्पेट समारोह के साथ किया गया।

दोनों नेताओं ने करीब दो घंटे तक बैठक की और अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

इस यात्रा को रूस और उत्तर कोरिया के बीच गहरे होते संबंधों में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें दोनों देशों ने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस समझौते में एक पारस्परिक रक्षा खंड शामिल है, जिसके तहत दोनों देश एक-दूसरे पर हमला होने पर एक-दूसरे की सहायता करने की कसम खाते हैं।

उत्तर कोरिया को अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को उन्नत करने के लिए रूस की मदद की सख्त जरूरत है, जिसे कई विफलताओं का सामना करना पड़ा है, जिसमें हाल ही में दूसरा टोही उपग्रह लॉन्च करने में विफलता भी शामिल है।

रूस उत्तर कोरिया के साथ अपने सैन्य संबंधों को भी मजबूत करना चाहता है, जो संभावित रूप से यूक्रेन में उसके युद्ध प्रयासों को महत्वपूर्ण बढ़ावा दे सकता है।


पृष्ठभूमि


पुतिन की उत्तर कोरिया की अंतिम यात्रा 2000 में हुई थी, जब उन्होंने तत्कालीन नेता किम जोंग इल से मुलाकात की थी।


यह यात्रा दोनों देशों के बीच हथियारों की व्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हो रही है, जिसने पश्चिमी शक्तियों के बीच चिंताएँ बढ़ा दी हैं।



संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस और उत्तर कोरिया के बीच गहरे होते संबंधों के बारे में चिंता व्यक्त की है, जो संभावित रूप से उत्तर कोरियाई परमाणु कार्यक्रम को संबोधित करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को कमजोर कर सकता है।


प्रतिक्रियाएँ


सियोल में इवा वूमन्स यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन के प्रोफेसर लीफ-एरिक इस्ले ने कहा कि पुतिन की यात्रा "उत्तर कोरिया को यूक्रेन पर अपने अवैध आक्रमण के समर्थन में 'निरंकुशता के शस्त्रागार' के रूप में कार्य करने के लिए आंशिक रूप से धन्यवाद देने के लिए है।"


इस यात्रा को रूस और उत्तर कोरिया के बीच गहरे होते संबंधों में एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें दोनों देश एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।


समयरेखा


18 जून, 2024: पुतिन राजकीय यात्रा के लिए प्योंगयांग पहुँचे।


19 जून, 2024: पुतिन ने किम जोंग उन से दो घंटे की मुलाकात की।

19 जून, 2024: दोनों नेताओं ने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए।

* 19 जून, 2024: पुतिन दो दिवसीय यात्रा के बाद उत्तर कोरिया से रवाना हुए।

West Indies' history-making innings sets up dominant win over Afghanistan

 वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप में बाकी टीमों को एक कड़ा संदेश दिया है, जिसमें उसने अफगानिस्तान पर एक शानदार जीत दर्ज करने के लिए एक ऐतिहासिक पारी खेली। सुपर आठ चरण के लिए पहले से ही क्वालीफाई कर चुके मेजबानों ने एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का आसानी से पीछा किया और अपनी पारी 218/5 पर समाप्त की, जो टी20 विश्व कप में उनका सर्वोच्च स्कोर और टूर्नामेंट का अब तक का सबसे बड़ा स्कोर था।


निकोलस पूरन का रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन


निकोलस पूरन शो के स्टार रहे, जिन्होंने पुरुष टी20I इतिहास में वेस्टइंडीज के खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक छक्के लगाने के मामले में क्रिस गेल को पीछे छोड़ दिया। 53 गेंदों पर उनकी 98 रन की पारी बल्लेबाजी का एक बेहतरीन प्रदर्शन था, और जॉनसन चार्ल्स और शाई होप के साथ उनकी साझेदारी ने वेस्टइंडीज को सिर्फ छह ओवरों में 100 रन तक पहुंचने में मदद की, जो पुरुष टी20 विश्व कप इतिहास का सबसे बड़ा पावरप्ले टोटल है।


अफ़गानिस्तान का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य


एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का सामना करते हुए, अफ़गानिस्तान की शुरुआत तीसरी गेंद पर रहमानुल्लाह गुरबाज़ (0 रन 3) के आउट होने के साथ खराब रही। गुलबदीन नैब और इब्राहिम ज़द्रान के शांत प्रयास के बावजूद, जिन्होंने पावरप्ले के अंत में अफ़गानिस्तान को 45/1 पर पहुँचाया, उसके बाद लगातार विकेट गिरते रहे। गुटकेश मोती ने अगले ओवर में पतन की शुरुआत की, और अफ़गानिस्तान अंततः 114 रन पर ढेर हो गया, जिससे उसे विश्व कप में अपनी पहली हार का सामना करना पड़ा।


वेस्ट इंडीज की शानदार जीत


वेस्ट इंडीज की 104 रनों की व्यापक जीत ने उन्हें टूर्नामेंट के अगले चरण में शानदार फॉर्म में पहुंचा दिया, जिससे प्रतियोगिता आगे बढ़ने के साथ ही वे गंभीर दावेदार बन गए। इस जीत ने पुरुषों के टी20 विश्व कप के इतिहास में एक ओवर में सबसे अधिक रन देने का नया रिकॉर्ड भी बनाया, जिसमें वेस्टइंडीज ने 11वें ओवर में अजमतुल्लाह उमरजई की गेंद पर 36 रन बनाए।


मुख्य आँकड़े और रिकॉर्ड


T20 विश्व कप में वेस्टइंडीज का सर्वोच्च स्कोर: 218/5

पुरुषों के T20I इतिहास में अफगानिस्तान के खिलाफ सबसे बड़ा टीम स्कोर: 218/5

पुरुषों के T20 विश्व कप इतिहास में एक ओवर में दिए गए सबसे ज़्यादा रन: अज़मतुल्लाह उमरज़ई की गेंद पर 36 रन

निकोलस पूरन का T20 विश्व कप में सर्वोच्च स्कोर: 53 गेंदों पर 98 रन

पूरन ने पुरुषों के T20I इतिहास में वेस्टइंडीज के खिलाड़ी द्वारा सबसे ज़्यादा छक्के लगाने के मामले में क्रिस गेल को पीछे छोड़ दिया

माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल को पीछे छोड़ा! Nvidia बनी दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी

 हाल की रिपोर्टों के अनुसार, Nvidia ने Apple और Google को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है, जिसका बाजार पूंजीकरण लगभग $3.34 ट्रिलियन है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि कंपनी की प्रौद्योगिकी उद्योग में प्रभावशाली वृद्धि और सफलता का प्रमाण है।





बाजार पूंजीकरण


Nvidia का बाजार पूंजीकरण Apple से आगे निकल गया है, जिसका वर्तमान मूल्य लगभग $2.5 ट्रिलियन है। Microsoft दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है, जिसका बाजार पूंजीकरण लगभग $2.62 ट्रिलियन है।


Nvidia की सफलता के कारण


Nvidia की सफलता का श्रेय ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) बाजार में इसके प्रभुत्व के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वायत्त वाहनों और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे नए क्षेत्रों में इसके विस्तार को दिया जा सकता है। कंपनी के अभिनव उत्पादों और प्रौद्योगिकियों ने इसे उद्योग में एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बढ़त बनाए रखने में सक्षम बनाया है।


निष्कर्ष


निष्कर्ष में, दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में Nvidia की उपलब्धि कंपनी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसका 3.34 ट्रिलियन डॉलर का बाजार पूंजीकरण इसकी सफलता और विकास का प्रमाण है, और यह प्रौद्योगिकी उद्योग के भविष्य को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाता रहेगा।

Monday, June 17, 2024

ग्रेटर चीन अधिकतम सीमाओं में निहित है अखंड भारत साझा इतिहास पर आधारित है..

 ग्रेटर चीन और अखंड भारत दो ऐसी अवधारणाएँ हैं जो एक ही धागे से जुड़ी हैं - एक ही छतरी के नीचे अलग-अलग क्षेत्रों को एकजुट करने की इच्छा। जहाँ ग्रेटर चीन अधिकतम सीमाओं में निहित है, वहीं अखंड भारत साझा इतिहास पर आधारित है।



ग्रेटर चीन: अधिकतम सीमाएँ


ग्रेटर चीन एक ऐसी अवधारणा है जो न केवल मुख्य भूमि चीन बल्कि ताइवान, हांगकांग, मकाऊ और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र को भी शामिल करती है। यह अधिकतम दृष्टिकोण इन क्षेत्रों पर चीन के ऐतिहासिक दावों में निहित है, जो किन राजवंश (221-206 ईसा पूर्व) से शुरू होता है। ग्रेटर चीन की अवधारणा अक्सर एक एकीकृत चीनी राष्ट्र-राज्य के विचार से जुड़ी होती है, जहाँ सभी चीनी भाषी आबादी एक ही सरकार के तहत एकजुट होती है।


अखंड भारत: साझा इतिहास


दूसरी ओर, अखंड भारत एक ऐसी अवधारणा है जो एक एकीकृत भारत की कल्पना करती है जिसमें ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जो एक समान सांस्कृतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विरासत साझा करते हैं। यह साझा इतिहास प्राचीन मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व) से शुरू होता है, जो आधुनिक अफ़गानिस्तान से श्रीलंका तक फैला हुआ था। अखंड भारत का विचार इस धारणा पर आधारित है कि ये क्षेत्र कभी एक बड़े अविभाजित पूरे का हिस्सा थे, और उनका साझा इतिहास और सांस्कृतिक विरासत उन्हें एक इकाई के तहत फिर से एकीकृत करने का औचित्य साबित करती है।


तुलना और विरोधाभास


जबकि ग्रेटर चीन और अखंड भारत दोनों ही अवधारणाएँ अलग-अलग क्षेत्रों को एकजुट करने का लक्ष्य रखती हैं, वे अपने दृष्टिकोण में भिन्न हैं। ग्रेटर चीन अधिकतम सीमाओं में निहित है, जहाँ चीन उन क्षेत्रों पर संप्रभुता का दावा करता है जो ज़रूरी नहीं कि उसके ऐतिहासिक क्षेत्र का हिस्सा हों। दूसरी ओर, अखंड भारत साझा इतिहास और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है, जहाँ उन क्षेत्रों को फिर से एकीकृत करने पर ज़ोर दिया जाता है जो कभी एक बड़ी इकाई का हिस्सा थे।


निष्कर्ष में, ग्रेटर चीन और अखंड भारत दो अवधारणाएँ हैं जो एकता और क्षेत्रीय दावों के लिए अलग-अलग दृष्टिकोणों को दर्शाती हैं। जबकि ग्रेटर चीन अधिकतम सीमाओं में निहित है, अखंड भारत साझा इतिहास और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है।

Kanchanjunga express train accident

 पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस से एक मालगाड़ी के टकराने से एक भयानक रेल दुर्घटना हुई। इस दुर्घटना में कम से कम 15 लोगों की जान चली गई और 60 से ज़्यादा लोग घायल हो गए।



दुर्घटना का विवरण


अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस को न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास पीछे से एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। टक्कर के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जबकि एक डिब्बा हवा में लटक गया। टक्कर में मालगाड़ी का इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया।


हताहत और घायल


दुर्घटना में कम से कम 15 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया। घायलों की सही संख्या अभी भी बताई जा रही है।


बचाव प्रयास


बचाव प्रयासों में सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय पुलिस की बचाव टीमों को घटनास्थल पर तैनात किया गया। टीमों ने यात्रियों को मलबे से निकालने और घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किया।


सरकार की प्रतिक्रिया


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए दुर्घटना स्थल का दौरा किया। त्रिपुरा सरकार ने भी राज्य के यात्रियों को सहायता प्रदान करने के लिए घटनास्थल पर एक टीम भेजी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।


जांच


प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि मालगाड़ी सिग्नल को पार कर गई और कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। दुर्घटना के सही कारण की अभी भी जांच की जा रही है।


मुआवजा


रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख और घायलों को ₹50,000 का अनुग्रह मुआवजा देने की घोषणा की है।

अल्मोड़ा में बस खाई में गिर गई।

 सोमवार, 4 नवंबर, 2024 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक भयानक बस दुर्घटना हुई, जिसमें 36 लोगों की जान चली गई और 24 अन्य घायल हो गए। निजी...