केंद्र ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले पर उनके दूसरे पत्र का जवाब देते हुए जवाब दिया है। अपने पत्र में, बनर्जी ने बलात्कारियों के लिए एक कठोर केंद्रीय कानून और अनुकरणीय दंड की मांग की, साथ ही मुकदमों में तेजी लाने के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) की स्थापना की मांग की।
हालांकि, केंद्र ने बनर्जी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनके पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है। विशेष रूप से, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि:
1. पश्चिम बंगाल ने बलात्कार और POCSO मामलों से निपटने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त 11 FTSC चालू नहीं किए हैं।
2. राज्य के फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) में 30 जून, 2024 तक 81,000 मामलों का बैकलॉग है, जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है।
देवी के पत्र से पता चलता है कि बनर्जी के पत्र का उद्देश्य राज्य में FTSC को चालू करने में "देरी को छिपाना" है। केंद्र ने इस बात पर जोर दिया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों से निपटने के लिए मौजूदा कानून काफी सख्त हैं और नए कानून की कोई जरूरत नहीं है।
संक्षेप में, केंद्र के जवाब ने बनर्जी के दावों की तथ्यात्मक सटीकता पर सवाल उठाया है, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लंबित मामलों को संबोधित करने और आवश्यकतानुसार FTSC को चालू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।