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Saturday, February 1, 2025

प्रयागराज में एक और दुखद घटना।

 महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में संगम के पास सुबह-सुबह मची भगदड़ के दो दिन बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है, जबकि 60 अन्य घायल हुए हैं। यह घटना 29 जनवरी, 2025 को हुई थी और इसके बाद भगदड़ स्थल से लगभग 2 किलोमीटर दूर झूसी इलाके में भगदड़ की स्थिति की खबरें आईं। कुंभ जिला महानिरीक्षक (डीआईजी) वैभव कृष्ण ने पुष्टि की कि पुलिस इन रिपोर्टों की जांच करेगी, जिसमें घटनास्थल पर लगे कैमरों की फुटेज की समीक्षा भी शामिल है।



डीआईजी ने कहा कि आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 30 है और मृतकों की सूची 31 जनवरी, 2025 को जारी होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भगदड़ में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।


झूसी क्षेत्र के निवासियों और दुकानदारों ने संगम नोज पर भगदड़ की खबर के बाद सेक्टर 21 क्रॉसिंग पर दहशत की स्थिति की सूचना दी। नाश्ता बेचने वाले राजू निषाद ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे दोनों तरफ से लोगों का आना शुरू हुआ तो भारी भीड़ जमा हो गई। चाय की दुकान चलाने वाले शिवचरण भारती ने बताया कि पुलिस की तैनाती के बावजूद भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उसे संभालना मुश्किल हो गया। प्रत्यक्षदर्शी सौरभ मिश्रा ने बताया कि महिलाओं और बच्चों की चीखें सुनाई दे रही थीं। उन्होंने बताया कि कपड़े, जूते-चप्पल समेत बिखरे सामान को हटाने के लिए क्रेन बुलाई गई। प्रशासन ने दो घंटे में इलाके को खाली करा दिया, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो गया कि कोई घटना हुई थी या नहीं। झूसी इलाके से आई रिपोर्ट की जांच करने का पुलिस का फैसला तब आया है, जब कुछ दुकानदारों ने पहले इलाके में भगदड़ जैसी स्थिति और जान-माल के नुकसान के दावों से इनकार किया था। डीआईजी कृष्णा ने बताया कि घटनास्थल पर लगे कैमरों की रिकॉर्डिंग समेत फुटेज की गहन जांच की जाएगी। संक्षेप में कहें तो महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के संगम पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए। झूसी क्षेत्र में दहशत के माहौल की खबरों की जांच की जा रही है और पुलिस दूसरी घटना के दावों की पुष्टि के लिए फुटेज और अन्य साक्ष्यों की जांच कर रही है।

Monday, January 27, 2025

महाकुंभ जा रही ट्रेन पर हमला।

 28 जनवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश के महोबा में महाकुंभ श्रद्धालुओं को ले जा रही एक विशेष ट्रेन पर भीड़ ने हमला कर दिया। झांसी से प्रयागराज जा रही इस ट्रेन में तोड़फोड़ की गई और उस पर पत्थर फेंके गए, जिससे यात्रियों में भय और दहशत फैल गई। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला हरपालपुर स्टेशन पर हुआ, जहाँ बड़ी संख्या में लोग ट्रेन में चढ़ने के लिए एकत्र हुए थे, लेकिन ट्रेन के दरवाजे बंद होने के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए।



11801 नंबर की यह ट्रेन प्रयागराज में महाकुंभ उत्सव के लिए श्रद्धालुओं को ले जा रही थी, जिसमें पहले 11 दिनों में 97.3 मिलियन से अधिक लोगों ने अभूतपूर्व रूप से भाग लिया। ट्रेन पर हुए हमले ने चिंता और बहस को जन्म दिया है, जहाँ कुछ लोगों ने महाकुंभ के महत्व को देखते हुए समझदारी और समायोजन की माँग की है, जबकि अन्य लोगों ने हिंसा की निंदा की है।


ट्रेन का विवरण: यह ट्रेन महाकुंभ उत्सव के लिए श्रद्धालुओं को लेकर झांसी से प्रयागराज जाने वाली वीरांगना लक्ष्मीबाई विशेष ट्रेन थी।


हमले का स्थान: यह हमला हरपालपुर स्टेशन पर हुआ, जो झांसी से लगभग दो घंटे की दूरी पर है।


यात्रियों की प्रतिक्रिया: हमले के दौरान ट्रेन में सवार यात्री डरे हुए और घबराए हुए थे, कुछ ने बताया कि उन्हें अपनी जान का ख़तरा था।


रेलवे की प्रतिक्रिया: रेलवे अधिकारियों ने अभी तक हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उम्मीद है कि वे महाकुंभ उत्सव में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे।


महाकुंभ उत्सव: महाकुंभ उत्सव भारत में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो प्रयागराज में हर 12 साल में होता है, और इसमें देश भर से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।


28 जनवरी, 2025 तक, स्थिति अभी भी विकसित हो रही है, और हमले और अधिकारियों की प्रतिक्रिया के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। ट्रेन पर हुए हमले ने भारत में प्रमुख धार्मिक त्योहारों के दौरान बड़ी भीड़ को प्रबंधित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौतियों को उजागर किया है।

Monday, January 20, 2025

भारत में महाकुंभ मेले में आग लग गई।

 रविवार, 19 जनवरी, 2025 को भारत के प्रयागराज में महाकुंभ मेला उत्सव में भीषण आग लग गई, लेकिन आपातकालीन टीमों ने आग पर जल्दी ही काबू पा लिया, जिसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आग, जो कथित तौर पर एक सिलेंडर विस्फोट के कारण लगी थी, पर काबू पाने से पहले कम से कम 10 टेंट तक फैल गई। नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, उत्सव में स्थिति अब सामान्य है, अधिकारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं और आग के कारणों की जांच कर रहे हैं।



छह सप्ताह तक चलने वाला हिंदू धार्मिक उत्सव महाकुंभ मेला भारत में 13 जनवरी, 2025 को शुरू हुआ, और इसमें 400 मिलियन से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। यह उत्सव प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है, जहाँ भक्त तीन पवित्र नदियों - गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर डुबकी लगाने के लिए इकट्ठा होते हैं।


आग की घटना के मुख्य विवरण इस प्रकार हैं:


आग का कारण: सेक्टर 19 में करपात्रीजी के शिविर के पास गीता प्रेस शिविर की रसोई में एक सिलेंडर फट गया, जिससे आग लग गई।


आग का स्तर: आग कम से कम 10 टेंटों तक फैल गई, जिसमें श्री संजीव प्रयाग का टेंट भी शामिल था, जिसे काबू में करने से पहले ही काबू कर लिया गया।


आग पर प्रतिक्रिया: दमकल विभाग, पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंची और इलाके को खाली कराया, आग बुझाने के लिए 15 दमकल गाड़ियों को लगाया गया।


घायल और हताहत: हालांकि आग बड़ी थी, लेकिन कोई बड़ी हताहत नहीं हुई, भागते समय एक व्यक्ति के पैर में चोट लग गई और उसे स्थिर हालत में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


जांच: अधिकारी आग के कारणों की जांच कर रहे हैं, शुरुआती रिपोर्ट बताती है कि गीता प्रेस कैंप की रसोई में एक छोटे सिलेंडर से चाय बनाते समय गैस रिसाव के कारण आग लगी होगी।


अधिकारियों की प्रतिक्रिया: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घटना की जानकारी दी गई और सहायता की पेशकश की गई। महाकुंभ मेला समारोह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगा, जिसमें अगले छह सप्ताह तक लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इस महोत्सव को विश्व में मानवता का सबसे बड़ा समागम माना जाता है और अधिकारी प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं।

बस्तर मुठभेड़ में 11 महिलाओं सहित 17 माओवादी मारे गये।

 29 मार्च, 2025 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 17 माओवादी मारे गए। मारे गए माओवादियों में ग्यारह महिलाएँ और ...