महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में संगम के पास सुबह-सुबह मची भगदड़ के दो दिन बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है, जबकि 60 अन्य घायल हुए हैं। यह घटना 29 जनवरी, 2025 को हुई थी और इसके बाद भगदड़ स्थल से लगभग 2 किलोमीटर दूर झूसी इलाके में भगदड़ की स्थिति की खबरें आईं। कुंभ जिला महानिरीक्षक (डीआईजी) वैभव कृष्ण ने पुष्टि की कि पुलिस इन रिपोर्टों की जांच करेगी, जिसमें घटनास्थल पर लगे कैमरों की फुटेज की समीक्षा भी शामिल है।
डीआईजी ने कहा कि आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 30 है और मृतकों की सूची 31 जनवरी, 2025 को जारी होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भगदड़ में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
झूसी क्षेत्र के निवासियों और दुकानदारों ने संगम नोज पर भगदड़ की खबर के बाद सेक्टर 21 क्रॉसिंग पर दहशत की स्थिति की सूचना दी। नाश्ता बेचने वाले राजू निषाद ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे दोनों तरफ से लोगों का आना शुरू हुआ तो भारी भीड़ जमा हो गई। चाय की दुकान चलाने वाले शिवचरण भारती ने बताया कि पुलिस की तैनाती के बावजूद भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उसे संभालना मुश्किल हो गया। प्रत्यक्षदर्शी सौरभ मिश्रा ने बताया कि महिलाओं और बच्चों की चीखें सुनाई दे रही थीं। उन्होंने बताया कि कपड़े, जूते-चप्पल समेत बिखरे सामान को हटाने के लिए क्रेन बुलाई गई। प्रशासन ने दो घंटे में इलाके को खाली करा दिया, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो गया कि कोई घटना हुई थी या नहीं। झूसी इलाके से आई रिपोर्ट की जांच करने का पुलिस का फैसला तब आया है, जब कुछ दुकानदारों ने पहले इलाके में भगदड़ जैसी स्थिति और जान-माल के नुकसान के दावों से इनकार किया था। डीआईजी कृष्णा ने बताया कि घटनास्थल पर लगे कैमरों की रिकॉर्डिंग समेत फुटेज की गहन जांच की जाएगी। संक्षेप में कहें तो महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के संगम पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए। झूसी क्षेत्र में दहशत के माहौल की खबरों की जांच की जा रही है और पुलिस दूसरी घटना के दावों की पुष्टि के लिए फुटेज और अन्य साक्ष्यों की जांच कर रही है।