उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार सुल्तानपुर मुठभेड़ मामले पर अपनी बात रखी है। घटना सुल्तानपुर में एक आभूषण की दुकान में डकैती से जुड़ी थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।
मुख्य बिंदु:
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर विपक्ष की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग फिलिस्तीन पर बोलते हैं, वे बांग्लादेश के मुद्दे पर चुप हैं।
उन्होंने विपक्ष पर बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों के लिए खड़े होने के बजाय अपने वोट बैंक को खोने की चिंता करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विपक्ष के लिए राजनीति राष्ट्र से पहले आती है, जिसका अर्थ है कि उनकी प्राथमिकताएँ गुमराह हैं।
संदर्भ:
सुल्तानपुर डकैती का मामला राजनीतिक बहस का विषय रहा है, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने पुलिस मुठभेड़ की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी श्री कृष्ण जन्मोत्सव समारोह के लिए मथुरा की यात्रा के दौरान की गई थी।
सारांश:**
सुल्तानपुर मुठभेड़ मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ की टिप्पणियों ने विपक्षी दलों के कथित पाखंड को उजागर किया, जिनके बारे में उनका मानना है कि वे बांग्लादेश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ बोलने की तुलना में अपने वोट बैंक की रक्षा के लिए अधिक चिंतित हैं। उनकी टिप्पणियों ने राजनीतिक स्वार्थ पर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने के महत्व को रेखांकित किया।