24 जुलाई, 2024 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की एक महिला विधायक के प्रति लैंगिक भेदभाव वाली टिप्पणी करके राज्य विधानसभा में आक्रोश पैदा कर दिया। गरमागरम बहस के दौरान कुमार ने राजद विधायक रेखा देवी पर चिल्लाते हुए कहा: "आप एक महिला हैं। क्या आपको पता है कि मेरे सत्ता में आने के बाद ही बिहार में महिलाओं को उनका हक मिलना शुरू हुआ? आप एक महिला हैं, (फिर भी) आपको कुछ नहीं पता।"
कुमार का यह गुस्सा महिला विधायकों सहित विपक्षी सदस्यों द्वारा राज्य सरकार के संशोधित आरक्षण कानूनों का विरोध करने और उन्हें संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग के जवाब में था। मुख्यमंत्री की टिप्पणी की विपक्ष की नेता राबड़ी देवी सहित राजद नेताओं ने व्यापक रूप से निंदा की, जिन्होंने उन पर महिलाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं रखने का आरोप लगाया।
संदर्भ और प्रतिक्रियाएँ
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार को महिलाओं पर अपनी टिप्पणियों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। इस घटना से कुछ दिन पहले, उन्होंने आदिवासी वर्ग की एक भाजपा महिला विधायक के बारे में एक अभद्र टिप्पणी की थी। आरजेडी विधायक रेखा देवी ने कुमार की टिप्पणी को महिलाओं का अपमान करार दिया और कहा कि यह उनके मन पर नियंत्रण की कमी को दर्शाता है।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ घटिया और असभ्य टिप्पणी करने की कुमार की आदत राज्य के लिए एक गंभीर और चिंताजनक मुद्दा है।
पृष्ठभूमि
1992 में, सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को 50% तक सीमित कर दिया था। तब से बिहार सरकार ने एससी, एसटी, ओबीसी और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 65% कर दिया है। सरकार ने केंद्र से इन बदलावों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया है, जिसमें उन कानूनों की सूची शामिल है जिन्हें अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।