28 जनवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश के महोबा में महाकुंभ श्रद्धालुओं को ले जा रही एक विशेष ट्रेन पर भीड़ ने हमला कर दिया। झांसी से प्रयागराज जा रही इस ट्रेन में तोड़फोड़ की गई और उस पर पत्थर फेंके गए, जिससे यात्रियों में भय और दहशत फैल गई। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला हरपालपुर स्टेशन पर हुआ, जहाँ बड़ी संख्या में लोग ट्रेन में चढ़ने के लिए एकत्र हुए थे, लेकिन ट्रेन के दरवाजे बंद होने के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए।
11801 नंबर की यह ट्रेन प्रयागराज में महाकुंभ उत्सव के लिए श्रद्धालुओं को ले जा रही थी, जिसमें पहले 11 दिनों में 97.3 मिलियन से अधिक लोगों ने अभूतपूर्व रूप से भाग लिया। ट्रेन पर हुए हमले ने चिंता और बहस को जन्म दिया है, जहाँ कुछ लोगों ने महाकुंभ के महत्व को देखते हुए समझदारी और समायोजन की माँग की है, जबकि अन्य लोगों ने हिंसा की निंदा की है।
ट्रेन का विवरण: यह ट्रेन महाकुंभ उत्सव के लिए श्रद्धालुओं को लेकर झांसी से प्रयागराज जाने वाली वीरांगना लक्ष्मीबाई विशेष ट्रेन थी।
हमले का स्थान: यह हमला हरपालपुर स्टेशन पर हुआ, जो झांसी से लगभग दो घंटे की दूरी पर है।
यात्रियों की प्रतिक्रिया: हमले के दौरान ट्रेन में सवार यात्री डरे हुए और घबराए हुए थे, कुछ ने बताया कि उन्हें अपनी जान का ख़तरा था।
रेलवे की प्रतिक्रिया: रेलवे अधिकारियों ने अभी तक हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उम्मीद है कि वे महाकुंभ उत्सव में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे।
महाकुंभ उत्सव: महाकुंभ उत्सव भारत में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो प्रयागराज में हर 12 साल में होता है, और इसमें देश भर से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
28 जनवरी, 2025 तक, स्थिति अभी भी विकसित हो रही है, और हमले और अधिकारियों की प्रतिक्रिया के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। ट्रेन पर हुए हमले ने भारत में प्रमुख धार्मिक त्योहारों के दौरान बड़ी भीड़ को प्रबंधित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौतियों को उजागर किया है।
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