Tuesday, September 10, 2024

जाकिर नाइक के 'भारतीय वक्फ संपत्तियों को बचाओ' वाले पोस्ट पर रिजिजू ने की तीखी प्रतिक्रिया

 केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के सोशल मीडिया पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें भारतीय मुसलमानों से "भारतीय वक्फ संपत्तियों को बचाने और वक्फ संशोधन विधेयक को खारिज करने" का आग्रह किया गया है। नाइक के पोस्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर विधेयक पारित हो जाता है तो इस्लामिक संस्थानों के भविष्य पर "बुरे नतीजे" होंगे। रिजिजू ने जवाबी टिप्पणी करते हुए नाइक को भारतीय मुसलमानों को "गुमराह" करने और विधेयक के बारे में "झूठा प्रचार" फैलाने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां लोगों को अपनी राय रखने का अधिकार है। मुख्य बिंदु: जाकिर नाइक के सोशल मीडिया पोस्ट में भारतीय मुसलमानों से वक्फ संशोधन विधेयक को खारिज करने का आग्रह किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि यह वक्फ की पवित्र स्थिति का उल्लंघन करेगा और इस्लामिक संस्थानों पर नकारात्मक असर डालेगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया, नाइक से भारतीय मुसलमानों को गुमराह न करने का आग्रह किया और झूठा प्रचार न फैलाने की चेतावनी दी। रिजिजू ने भारत की लोकतांत्रिक प्रकृति पर जोर दिया, जहां नागरिकों को अपनी राय स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का अधिकार है। वक्फ संशोधन विधेयक में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव है, जिसमें वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम व्यक्तियों को शामिल करना और महिलाओं को शामिल करने के लिए अनिवार्य प्रावधान शामिल हैं।



प्रतिक्रियाएँ:


वक्फ बोर्ड के सदस्य सुहेल काज़मी ने नाइक के विचारों की आलोचना की और उन पर इस्लाम को कट्टरपंथी बनाने और युवा मुसलमानों को गुमराह करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।


काज़मी ने नाइक से भारतीय मामलों में "हस्तक्षेप न करने" का आग्रह किया और चेतावनी दी कि गलत सूचना फैलाने वाले उनके जैसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।



संदर्भ:


वक्फ संशोधन विधेयक वर्तमान में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांच के अधीन है।


इस विधेयक का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है, विशेष रूप से मुसलमानों के बीच विरासत के वितरण में।


* विपक्षी दलों ने विधेयक की आलोचना "कठोर" के रूप में की है, जबकि सरकार इसका बचाव वक्फ बोर्डों के नियंत्रण को सुधारने के साधन के रूप में करती है, जिसका दावा है कि कुछ व्यक्तियों द्वारा एकाधिकार किया गया है।


संक्षेप में, वक्फ संशोधन विधेयक को खारिज करने के जाकिर नाइक के आह्वान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तीखी आलोचना की है, जिन्होंने झूठे प्रचार के खिलाफ चेतावनी दी और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर दिया। यह विवाद भारतीय मुसलमानों और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए विधेयक के निहितार्थों पर अलग-अलग दृष्टिकोणों को उजागर करता है।

Monday, September 9, 2024

बेंगलुरु के एक व्यक्ति की संस्कृत में क्रिकेट कमेंट्री वायरल हो गई.

 बेंगलुरु के एक व्यक्ति द्वारा संस्कृत में क्रिकेट कमेंट्री करने वाले एक वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है, जिसने अपने उल्लेखनीय कौशल और रचनात्मकता से नेटिज़न्स को प्रभावित किया है। वीडियो में व्यक्ति को स्थानीय क्रिकेट मैच की संस्कृत में लाइव कमेंट्री करते हुए दिखाया गया है, जो अपनी ऊर्जावान और वर्णनात्मक कमेंट्री के साथ खेल के रोमांच को दर्शाता है।



धाराप्रवाह संस्कृत कमेंट्री


कमेंटेटर की संस्कृत कमेंट्री अपनी धाराप्रवाहता और स्पष्टता के लिए उल्लेखनीय है, जिससे दर्शकों के लिए भाषा की बाधा के बावजूद खेल का अनुसरण करना आसान हो जाता है। उनकी कमेंट्री में खिलाड़ियों की हरकतों का विशद वर्णन शामिल है, जैसे "गेंदबाज के हाथ में गेंद है। गेंदबाज बहुत दूर से आ रहा है। हर कोई देखता है, वह एक अच्छा शॉट मारता है और रन पूरा करने के लिए दौड़ता है" (संस्कृत से अनुवादित)।


नेटिजन की प्रतिक्रियाएँ


सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कमेंटेटर की शैली और संस्कृत भाषा पर पकड़ की सराहना की है, जिसमें कई लोगों ने उनकी अनूठी प्रतिभा की प्रशंसा की है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने मज़ाक में कहा कि "द्वापर युग" (हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान में चार युगों में से तीसरा) में क्रिकेट ऐसा ही दिखेगा, जबकि अन्य ने उनकी रचनात्मकता और कौशल की प्रशंसा की।


प्रभावशाली स्वागत


वीडियो ने ऑनलाइन काफ़ी ध्यान आकर्षित किया है, कई उपयोगकर्ताओं ने इसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर साझा और चर्चा की है। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कमेंटेटर के प्रयास की सराहना करते हुए ट्विटर पर वीडियो साझा किया।


संस्कृत और क्रिकेट का उत्सव


यह वायरल वीडियो दो भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों: संस्कृत और क्रिकेट के मिलन का जश्न मनाता है। कमेंटेटर द्वारा संस्कृत का उपयोग पारंपरिक क्रिकेट कमेंट्री में एक अनूठा आयाम जोड़ता है, जो भाषा की सुंदरता और बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करता है।


निष्कर्ष


बेंगलुरू के इस व्यक्ति की संस्कृत क्रिकेट कमेंट्री ने उनके असाधारण कौशल और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया है, जिसने ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दर्शकों को आकर्षित किया है। यह उल्लेखनीय वीडियो भाषा और संस्कृति की शक्ति का प्रमाण है, जो भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के महत्व को उजागर करता है।

Sunday, September 8, 2024

राहुल ने विदेश में मोदी और आरएसएस पर हमला बोला

 हाल ही में टेक्सास के डलास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से भारत के लोगों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का डर खत्म हो गया है। गांधी के अनुसार, चुनाव नतीजों के कुछ ही मिनटों के भीतर भारतीयों को एहसास हो गया कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी सहित उसके नेता संविधान पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इस खुलासे से लोगों की धारणा में महत्वपूर्ण बदलाव आया है, क्योंकि लोग अब भाजपा के अधिकार से भयभीत महसूस नहीं करते। मुख्य उद्धरण "चुनाव नतीजों के कुछ ही मिनटों के भीतर भारत में कोई भी भाजपा या प्रधानमंत्री मोदी से नहीं डरता था।" "लाखों भारतीयों को एहसास हो गया कि प्रधानमंत्री संविधान पर हमला कर रहे हैं।" संदर्भ राहुल गांधी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भाजपा को लोकतांत्रिक संस्थाओं के कथित क्षरण और अधिनायकवाद के उदय सहित विभिन्न मुद्दों से निपटने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस नेता की टिप्पणी से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों ने लोगों की धारणा में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया है, क्योंकि लोगों ने भाजपा के प्रभुत्व पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है और वे इसकी नीतियों के खिलाफ बोलने के लिए अधिक सशक्त महसूस कर रहे हैं।



निहितार्थ


अमेरिका में आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी पर गांधी के हमले को भारतीय प्रवासियों और अंतरराष्ट्रीय राय को भाजपा की कथित सत्तावादी प्रवृत्तियों के खिलाफ़ प्रेरित करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। इस टिप्पणी को भाजपा के लिए एक चेतावनी के रूप में भी समझा जा सकता है कि सत्ता पर उसकी पकड़ पहले जितनी सुरक्षित नहीं है और विपक्ष गति और आत्मविश्वास हासिल कर रहा है।

बंगाल के राज्यपाल ने बुलाई कैबिनेट बैठक

 पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाने और कोलकाता पुलिस आयुक्त को बदलने को कहा



कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या को लेकर चल रहे विरोध और सार्वजनिक आक्रोश के जवाब में, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को बदलने की जनता की मांग पर विचार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।


सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में उनसे इस मुद्दे पर चर्चा करने और लोगों की न्याय की मांग को संबोधित करने के लिए तत्काल आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाने का आग्रह किया गया है। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार को संविधान और कानून के शासन के भीतर काम करना चाहिए, और इस तरह के परेशान करने वाले घटनाक्रम के सामने "शुतुरमुर्ग जैसा रवैया" पर्याप्त नहीं होगा।



कई दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में पुलिस निष्क्रियता और घटना को छिपाने के प्रयासों का हवाला देते हुए पुलिस आयुक्त गोयल को हटाने की मांग की गई है। राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को दिए गए निर्देश को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इसमें स्थिति की गंभीरता और जनता का विश्वास बहाल करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को स्वीकार किया गया है।


कैबिनेट बैठक में पुलिस आयुक्त गोयल को हटाने सहित प्रदर्शनकारियों की मांगों पर चर्चा होने और राज्य में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के उपायों पर विचार किए जाने की उम्मीद है। राज्यपाल के हस्तक्षेप से मुख्यमंत्री पर जनता की चिंताओं को दूर करने और पीड़िता और उसके परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव पड़ने की संभावना है।


संबंधित समाचारों में, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसमें जूनियर डॉक्टरों, छात्रों और नागरिकों सहित सभी क्षेत्रों के लोग प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के लिए न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। पीड़िता की मां भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गई है, उन्होंने अधिकारियों से इस जघन्य अपराध में शामिल सभी दोषियों की गिरफ्तारी और सजा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

Sultanpur Encounter पर पहली बार बोले योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार सुल्तानपुर मुठभेड़ मामले पर अपनी बात रखी है। घटना सुल्तानपुर में एक आभूषण की दुकान में डकैती से जुड़ी थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।



मुख्य बिंदु:


सीएम योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर विपक्ष की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग फिलिस्तीन पर बोलते हैं, वे बांग्लादेश के मुद्दे पर चुप हैं।

उन्होंने विपक्ष पर बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों के लिए खड़े होने के बजाय अपने वोट बैंक को खोने की चिंता करने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विपक्ष के लिए राजनीति राष्ट्र से पहले आती है, जिसका अर्थ है कि उनकी प्राथमिकताएँ गुमराह हैं।


संदर्भ:


सुल्तानपुर डकैती का मामला राजनीतिक बहस का विषय रहा है, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने पुलिस मुठभेड़ की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी श्री कृष्ण जन्मोत्सव समारोह के लिए मथुरा की यात्रा के दौरान की गई थी।


सारांश:**


सुल्तानपुर मुठभेड़ मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ की टिप्पणियों ने विपक्षी दलों के कथित पाखंड को उजागर किया, जिनके बारे में उनका मानना है कि वे बांग्लादेश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ बोलने की तुलना में अपने वोट बैंक की रक्षा के लिए अधिक चिंतित हैं। उनकी टिप्पणियों ने राजनीतिक स्वार्थ पर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने के महत्व को रेखांकित किया।

Saturday, September 7, 2024

गणपति आगमन शुभ मुहूर्त

 उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, गणेश चतुर्थी 2024 7 सितंबर, 2024 को पड़ रही है। घर पर गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का समय इस प्रकार है:



शहरवार समय:

+ पुणे: सुबह 11:18 बजे से दोपहर 01:47 बजे तक

+ नई दिल्ली: सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक

+ चेन्नई: सुबह 10:53 बजे से दोपहर 01:21 बजे तक

+ जयपुर: सुबह 11:09 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक

+ हैदराबाद: सुबह 11:00 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक

+ गुड़गांव: सुबह 11:04 बजे से दोपहर 01:35 बजे तक

+ चंडीगढ़: सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:36 बजे तक

+ कोलकाता: सुबह 10:20 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक

+ मुंबई: सुबह 11:22 बजे से दोपहर 01:51 बजे तक

+ बेंगलुरु: सुबह 11:04 बजे से दोपहर 01:31 बजे तक

+ अहमदाबाद: सुबह 11:23 बजे से दोपहर 01:52 बजे तक

+ नोएडा: सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:33 बजे तक

द्रिक पंचांग के अनुसार, गणेश पूजा का मुहूर्त 7 सितंबर, 2024 को सुबह 11:03 बजे से दोपहर 1:34 बजे तक है। चूंकि चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 5:37 बजे समाप्त होगी, इसलिए आज मूर्ति स्थापित की जाएगी। गणपति बप्पा की स्थापना का शुभ समय सुबह 10:51 बजे से दोपहर 1:21 बजे तक रहेगा। कृपया ध्यान दें कि ये समय प्रत्येक शहर के लिए अलग-अलग हैं और चंद्र कैलेंडर पर आधारित हैं। सार्थक और शुभ गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए स्थानीय समय और परंपराओं का पालन करना आवश्यक है।

Thursday, September 5, 2024

रूस-यूक्रेन मध्यस्थता विकल्प: पुतिन का भारत, चीन, ब्राज़ील के लिए प्रस्ताव

 रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस और यूक्रेन के बीच संभावित शांति वार्ता में संभावित मध्यस्थ के रूप में भारत, चीन और ब्राजील का प्रस्ताव रखा है। पुतिन ने यह बयान 5 सितंबर, 2024 को रूस के व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में एक पैनल चर्चा के दौरान दिया।


पुतिन के अनुसार, इन तीनों देशों के नेताओं के साथ उनके "विश्वास और भरोसे के रिश्ते" हैं और उनका मानना है कि वे रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता को सुविधाजनक बनाने में मदद करने में रुचि लेंगे। उन्होंने विशेष रूप से मार्च 2022 में इस्तांबुल में वार्ता के दौरान रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों द्वारा किए गए एक प्रारंभिक समझौते का उल्लेख किया, जिसे कभी लागू नहीं किया गया, जो भविष्य की वार्ता के लिए संभावित आधार है।



पुतिन का यह सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुलाई और अगस्त में क्रमशः रूस और यूक्रेन की यात्राओं के बाद आया है, जहाँ उन्होंने संघर्ष को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया था। मोदी की यात्राओं को रूस और यूक्रेन दोनों के साथ भारत के संबंधों को संतुलित करने के प्रयास के रूप में देखा गया था, और उनकी सरकार ने दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी रखते हुए संघर्ष पर एक तटस्थ रुख बनाए रखा है।


भारतीय, चीनी और ब्राजील की मध्यस्थता के प्रस्ताव को उभरती अर्थव्यवस्थाओं और प्रमुख विकासशील देशों को शांति प्रक्रिया में शामिल करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है, जो संभावित रूप से संघर्ष की गतिशीलता को बदलने में मदद करेगा। हालाँकि, इस तरह के मध्यस्थता प्रयासों की सफलता विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगी, जिसमें सभी पक्षों की सार्थक बातचीत में शामिल होने की इच्छा और मध्यस्थों की दांव पर लगे जटिल मुद्दों को सुलझाने की क्षमता शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा अधिनियम की वैधता बरकरार रखी

 भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय ...