चक्रवात दाना 24 अक्टूबर, 2024 को ओडिशा तट पर पहुंचा, जिसके साथ भारी बारिश और 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाएं आईं, जो 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकती थीं। तूफान ने व्यापक नुकसान पहुंचाया, जिसमें पेड़ उखड़ गए, बिजली के तार टूट गए और कुछ इलाकों में पानी भर गया। चक्रवात की गंभीरता के बावजूद, ओडिशा सरकार के "जीरो कैजुअल्टी मिशन" को सफलतापूर्वक लागू किया गया, जिसमें किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है।
**तैयारी और निकासी**
भूमि पर पहुंचने से पहले के दिनों में, ओडिशा सरकार ने 11 जिलों के 38 ब्लॉकों से लगभग 5.8 लाख लोगों को निकाला, जिसमें चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई। निकासी प्रयासों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRAF), अग्निशमन सेवा और वन कर्मचारियों सहित 385 बचाव दल शामिल थे।
**ओडिशा में प्रभाव**
चक्रवात ने बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया, जिसमें पेड़ उखड़ने, बिजली की लाइनें टूटने और कुछ इलाकों में जलमग्न होने की खबरें शामिल हैं। हालांकि, तेजी से निकासी प्रयासों और आपदा प्रतिक्रिया उपायों ने सुनिश्चित किया कि प्रभाव कम से कम हो। ओडिशा सरकार ने गिरे हुए पेड़ों से अवरुद्ध सड़कों को साफ करने और बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए टीमों को तैनात किया।
**पश्चिम बंगाल में प्रभाव**
पश्चिम बंगाल में, चक्रवात ने दक्षिण 24 परगना जिले के पाथरप्रतिमा क्षेत्र में एक व्यक्ति की जान ले ली। तूफान के साथ भारी बारिश और तेज हवाएं भी चलीं, जिससे कोलकाता सहित कुछ इलाकों में जलभराव हो गया। शहर के हवाई अड्डे ने उड़ान संचालन को निलंबित कर दिया और अधिकारियों ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए।
**नुकसान का आकलन**
जैसे ही चक्रवात की लैंडफॉल प्रक्रिया समाप्त हुई, ओडिशा में अधिकारियों ने हवाओं और भारी बारिश से हुए नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कई पेड़ उखड़ गए, बिजली की लाइनें टूट गईं और कुछ इलाके जलमग्न हो गए। हालांकि, राज्य की सक्रिय तैयारियों और आपदा प्रतिक्रिया उपायों की बदौलत नुकसान की सीमा गंभीर नहीं थी।
**मुख्य आँकड़े**
* ओडिशा: 5.8 लाख लोगों को निकाला गया, 385 बचाव दल तैनात किए गए
* पश्चिम बंगाल: 2,43,374 लोगों ने शिविरों में शरण ली, 1 की मौत की सूचना
* हवा की गति: 100-110 किमी प्रति घंटा, 120 किमी प्रति घंटा तक की हवा की गति
* वर्षा: तटीय जिलों में भारी वर्षा, शाम को तीव्रता कम होने की उम्मीद
**सबक सीखा**
चक्रवात दाना का प्रभाव ओडिशा की आपदा प्रबंधन रणनीति की प्रभावशीलता का प्रमाण है। राज्य की सक्रिय तैयारी, निकासी प्रयासों और संकट के प्रति त्वरित प्रतिक्रिया ने नुकसान को कम किया और शून्य हताहतों को सुनिश्चित किया। अनुभव निम्नलिखित के महत्व को उजागर करता है:
1. प्रारंभिक चेतावनी और निकासी
2. मजबूत आपदा प्रतिक्रिया बुनियादी ढांचा
3. समुदाय के नेतृत्व वाली तैयारी और लचीलापन
4. अधिकारियों के बीच प्रभावी संचार और समन्वय
चूंकि भारत चक्रवातों और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के खतरे का सामना कर रहा है, इसलिए ओडिशा सरकार का "जीरो कैजुअल्टी मिशन" अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में कार्य करता है, जो ऐसी घटनाओं के प्रभाव को कम करने में सक्रिय तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया के महत्व को प्रदर्शित करता है।