दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। सीबीआई ने केजरीवाल को 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में बुधवार, 26 जून, 2024 को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने आगे की पूछताछ के लिए केजरीवाल की हिरासत मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि उन्हें सबूतों के साथ सामना करने की जरूरत है और उन्होंने मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाया है।
केजरीवाल के वकील ने अनुरोध किया था कि अदालत द्वारा आदेश पारित किए जाने तक उनके परिवार को उनसे मिलने की अनुमति दी जाए, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले मामले में केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी और सीबीआई ने रोक के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। केजरीवाल ने सर्वोच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले ली थी और अब जमानत पर रोक की पुष्टि करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश को चुनौती देंगे। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति में अनियमितताओं के आरोपों से जुड़ा है, जिसे दिल्ली के उपराज्यपाल ने रद्द कर दिया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल और आप के अन्य नेता कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने की साजिश में शामिल थे और उनसे प्राप्त रिश्वत का इस्तेमाल गोवा में आप के चुनावी अभियान के लिए किया गया था। केजरीवाल ने आरोपों से इनकार किया है और सीबीआई पर जबरन वसूली का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है। मामला चल रहा है और अदालत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
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