Tuesday, January 7, 2025

दक्षिणी तिब्बत में शक्तिशाली भूकंप आया, उत्तर भारत में भी झटके महसूस किए गए।

 स्थानीय समयानुसार सुबह 9:05 बजे आए भूकंप का केंद्र तिब्बत के टिंगरी काउंटी में था, जो माउंट एवरेस्ट से लगभग 50 मील उत्तर में है, और पूरे उत्तरी भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में झटके महसूस किए गए। जैसे-जैसे स्थिति सामने आ रही है, हताहतों की संख्या कम करने और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए बचाव प्रयास जारी हैं।



 भूकंप का केंद्र सुदूर तिब्बती पठार में स्थित था, जो भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण भूकंपीय गतिविधि के लिए प्रवण क्षेत्र है। भूकंप के झटके नेपाल की राजधानी काठमांडू तक महसूस किए गए, जो भूकंप के केंद्र से लगभग 400 किमी दूर है, और बिहार और असम सहित उत्तर भारत के कई जिलों में भी। रिपोर्टों के अनुसार, कई झटके आए हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में संचार और परिवहन सेवाओं में व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है। चीनी सरकार ने खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया है, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हताहतों की संख्या कम करने और प्रभावित लोगों के सुरक्षित पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया है। 


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अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है, पड़ोसी देश प्रभावित क्षेत्रों को सहायता और समर्थन प्रदान कर रहे हैं। भूकंप का प्रभाव और प्रतिक्रिया भूकंप ने इमारतों, सड़कों और पुलों सहित बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुँचाया है, कई घर और संरचनाएँ ढह गई हैं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित है और संचार सेवाएँ बाधित हैं। स्थानीय अधिकारी, चीनी सरकार के समर्थन से, आवश्यक सेवाओं को बहाल करने और ज़रूरतमंदों को सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं। बचाव दल के दूरदराज के इलाकों में पहुँचने और नुकसान की पूरी सीमा का आकलन करने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। भूकंप ने कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और चट्टान गिरने को भी बढ़ावा दिया है, जिससे बचाव अभियान और भी जटिल हो गया है। चीनी सेना और आपातकालीन सेवाएँ बचाव कार्यों में शामिल हैं। भारत सरकार ने अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं और नेपाल को सहायता की पेशकश की है, जबकि बांग्लादेशी सरकार ने भी समर्थन का वादा किया है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है, संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसे संगठन सहायता और समर्थन प्रदान कर रहे हैं।


नेपाली सरकार ने अपनी आपातकालीन सेवाओं को जुटाया है, टीमें नुकसान का आकलन करने और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रही हैं।


भारत सरकार ने बचाव प्रयासों में सहायता के लिए टीमें भेजी हैं, जिनका ध्यान चिकित्सा सहायता और सहायता प्रदान करने पर है।


चीनी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की सराहना की है और पड़ोसी देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहायता के प्रस्तावों का स्वागत किया है।


जैसे-जैसे स्थिति विकसित होती जा रही है, वर्तमान जानकारी की सीमाओं और विभिन्न स्रोतों से परस्पर विरोधी रिपोर्टों की संभावना को स्वीकार करना आवश्यक है। नुकसान की पूरी सीमा और हताहतों की संख्या निर्धारित करने में समय लग सकता है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस विनाशकारी आपदा के सामने सतर्क और सहायक बने रहना चाहिए।

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