इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव ने एक नया और विनाशकारी मोड़ ले लिया है। 15 जून 2025 को ईरान ने हाइफा में स्थित इजरायल की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी, बाज़न रिफाइनरी पर मिसाइल हमला किया, जिससे पूरा इलाका धुएं और आग की लपटों में घिर गया। हमले के बाद की तस्वीरें और वीडियो न केवल दिल दहला देने वाले हैं बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार और क्षेत्रीय स्थिरता पर इसके गंभीर परिणामों की ओर भी इशारा करते हैं। बीबीसी वेरिफाइड और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे विश्वसनीय स्रोतों ने इस तबाही की गंभीरता को उजागर करते हुए इन फुटेज की पुष्टि की है। हाइफा में रात के अंधेरे में मिसाइलों की गर्जना ने न केवल रिफाइनरी को निशाना बनाया बल्कि आसपास के बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया। वीडियो फुटेज में रिफाइनरी के चारों ओर धुएं और आग की लपटों के काले बादल आसमान को छूते हुए दिखाई दे रहे हैं हमले के बाद रिफाइनरी के आंशिक रूप से बंद होने और तेल आपूर्ति में संभावित व्यवधान ने वैश्विक तेल बाजार को हिलाकर रख दिया। सोमवार को तेल की कीमतें 74 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहीं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ गया। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर संघर्ष और बढ़ता है, तो होर्मुज जलडमरूमध्य से तेल निर्यात, जो प्रतिदिन 20 मिलियन बैरल तेल की आपूर्ति करता है, प्रभावित हो सकता है।
ईरान ने जवाबी कार्रवाई की
माना जाता है कि यह हमला इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों का जवाब है। इजरायल ने तेहरान के शाहरान और शाहर-ए-रे तेल डिपो सहित ईरान की ऊर्जा और परमाणु सुविधाओं पर हमला किया था। ईरानी अधिकारियों ने दावा किया कि उनकी मिसाइलों ने इजरायली लक्ष्यों को मारा, जो इजरायली लड़ाकू विमानों के लिए ईंधन का उत्पादन करते हैं। ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायली आक्रमण जारी रहा तो और मिसाइल हमले किए जाएंगे।
सैटेलाइट इमेजरी और एजेंसी फुटेज के साथ क्रॉस-चेक किए गए वीडियो में हाइफा रिफाइनरी से धुआं उठता हुआ दिखाई दे रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी इन दृश्यों की पुष्टि की, जिसमें मिसाइलों को रिफाइनरी के पास इमारतों और बुनियादी ढांचे को नष्ट करते हुए दिखाया गया है। ये दृश्य न केवल युद्ध की भयावहता को दर्शाते हैं बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को भी रेखांकित करते हैं। संघर्ष चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है और दोनों पक्षों के बीच हमले जारी हैं। विश्व नेताओं ने तनाव को तत्काल कम करने की मांग की है, लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अंतरराष्ट्रीय संयम की अपील को खारिज कर दिया है। दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से शांति समझौते पर पहुंचने का आह्वान किया है। क्या यह युद्ध क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक अर्थव्यवस्था को और अस्थिर करेगा, या कोई कूटनीतिक समाधान निकलेगा? यह सवाल अनुत्तरित है। हाइफा रिफाइनरी पर ईरानी हमले की तस्वीरें और वीडियो न केवल युद्ध की भयावहता को दर्शाते हैं, बल्कि इसके दूरगामी परिणामों की ओर भी इशारा करते हैं। जैसे-जैसे यह संघर्ष गहराता जा रहा है, विश्व समुदाय की निगाहें इस क्षेत्र पर टिकी हुई हैं। क्या यह तनाव शांति की ओर ले जाएगा, या और विनाश लाएगा? इसका जवाब तो आने वाला समय ही बताएगा।
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