महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेशी हाथ होने की संभावना पर कहा कि इस तरह के दावों पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। 17 मार्च को भड़की हिंसा के बाद पहली बार शुक्रवार देर शाम नागपुर पहुंचे फडणवीस ने जोर देकर कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना को "खुफिया विफलता" नहीं कहा जा सकता, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि खुफिया जानकारी जुटाना बेहतर हो सकता था। फडणवीस ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया और कहा कि उनकी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक कि दोषियों का पता नहीं लग जाता और उनसे सख्ती से निपटा नहीं जाता। अब तक तीन पुलिस उपायुक्तों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं और 17 आरोपियों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।
बांग्लादेशी हाथ: फडणवीस ने कहा कि नागपुर सांप्रदायिक हिंसा में विदेशी या बांग्लादेशी हाथ होने पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि जांच जारी है और अभी तक कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला है।
खुफिया विफलता: मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस घटना को "खुफिया विफलता" नहीं कहा जा सकता, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि खुफिया जानकारी एकत्र करना बेहतर हो सकता था।
दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई: फडणवीस ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कसम खाई। उन्होंने कहा, "नागपुर में आगजनी के दौरान पुलिस पर हमला करने वालों को उनकी कब्र से खोदकर निकाला जाएगा। पुलिस पर हमले अक्षम्य हैं। उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।"
घायल और गिरफ्तारियां: हिंसा के दौरान तीन पुलिस उपायुक्तों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए। सत्रह आरोपियों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। मुख्य आरोपी फहीम खान और पांच अन्य पर देशद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने का मामला दर्ज किया गया है।
तलाशी अभियान: बुधवार शाम को नागपुर के पुराने शहर के भालदारपुरा इलाके में तलाशी अभियान जारी रहा। पुलिस सक्रिय रूप से और अधिक संदिग्धों और सबूतों की तलाश कर रही है। हिंसा की पृष्ठभूमि नागपुर में हिंसा 17 मार्च को शुरू हुई, जब अफ़वाह फैली कि औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग करने वाले एक दक्षिणपंथी समूह के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र पुस्तक जला दी गई। विरोध प्रदर्शन का आयोजन विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने किया था, जिन्होंने कथित तौर पर धार्मिक शिलालेखों वाले कपड़े को जला दिया, जिससे मुस्लिम समुदाय में व्यापक आक्रोश फैल गया। मध्य नागपुर में झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप कई पुलिस कर्मी घायल हो गए और कई वाहनों और घरों को नुकसान पहुँचा। शनिवार को एक अस्पताल में इलाज के दौरान 40 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। सरकार की प्रतिक्रिया फडणवीस की शुरुआती प्रतिक्रिया: 17 मार्च की रात को, फडणवीस ने शांति की अपील की और लोगों से अफ़वाहों पर विश्वास न करने को कहा। उन्होंने शांति की अपील की और जनता को आश्वासन दिया कि सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। पूर्व नियोजित हमला: 18 मार्च को, फडणवीस ने हिंसा को "पूर्व नियोजित घटना" कहा और चेतावनी दी कि पुलिस पर हमला करने वालों को "बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने कहा कि कुछ घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया, जो एक पूर्व नियोजित हमले का संकेत है। अनुवर्ती: 19 मार्च को, फडणवीस ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और जोर देकर कहा कि गलत सूचना जानबूझकर फैलाई गई थी। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि शहर में शांति बनी हुई है और सरकार न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ असदुद्दीन ओवैसी: हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागपुर में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने सरकार पर सांप्रदायिक रूप से प्रेरित बयान देने और घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने में विफल रहने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता नाना पटोले: कांग्रेस नेता नाना पटोले ने इस घटना को सरकार और पुलिस की विफलता बताया। उन्होंने फडणवीस की आलोचना करते हुए कहा कि अगर यह घटना उनके गृहनगर में हो रही है, तो यह सरकार की स्पष्ट विफलता है।
निष्कर्ष
नागपुर सांप्रदायिक हिंसा गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है, जांच चल रही है और महाराष्ट्र सरकार दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता दिखा रही है। फडणवीस ने हिंसा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और सख्त कार्रवाई करने की कसम खाई है, साथ ही बेहतर खुफिया जानकारी जुटाने की जरूरत पर भी ध्यान दिया है। राजनीतिक प्रतिक्रियाएं इस मुद्दे की संवेदनशीलता तथा गहन एवं निष्पक्ष जांच की आवश्यकता को उजागर करती हैं।