मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू ने देश के ऋण बोझ को कम करने में भारत की सहायता के लिए धन्यवाद दिया है, जिससे मालदीव अपनी आर्थिक संप्रभुता को बनाए रख सके। हाल ही में अपने संबोधन में, राष्ट्रपति मुइज़ू ने स्थानीय स्तर पर अमेरिकी डॉलर की कमी को दूर करने के लिए भारत और चीन के साथ मुद्रा विनिमय समझौतों के लिए चल रही बातचीत पर प्रकाश डाला।
मुख्य बिंदु:
1. ऋण राहत: भारत ने मालदीव के ऋण को चुकाने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है, जिससे देश अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सक्षम हुआ है।
2. मुद्रा विनिमय समझौते: मालदीव सरकार स्थानीय व्यवसायों की मदद करने और डॉलर की कमी को कम करने के लिए भारत और चीन के साथ मुद्रा विनिमय समझौतों पर बातचीत कर रही है।
3. चीन के साथ एफटीए: चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के कार्यान्वयन से मत्स्य उत्पादों सहित नौ क्षेत्रों में 7,897 वस्तुओं के लिए टैरिफ समाप्त हो जाएगा।
4. भारत के साथ एफटीए: मालदीव भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में भी काम कर रहा है, जो द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा।
5. बुनियादी ढांचे का विकास: चीन मालदीव के सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर सहयोग करके मालदीव को अपनी सहायता बढ़ा रहा है।
राष्ट्रपति मुइज़ू का बयान:
"मैं मालदीव के लोगों की ओर से अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, हमारी आर्थिक संप्रभुता को आश्वस्त करने और मालदीव के लोगों की खातिर इस प्रयास में उनके सहयोग के लिए चीनी सरकार और भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं।"
संदर्भ:
मालदीव ऋण संकट का सामना कर रहा है, और भारत सहायता प्रदान करने में एक प्रमुख भागीदार रहा है। अपने संबंधों में पिछले तनावों के बावजूद, राष्ट्रपति मुइज़ू ने भारत के महत्व को स्वीकार किया है, और बेहतर द्विपक्षीय संबंधों पर जोर दिया है। मालदीव अपनी आर्थिक साझेदारी में विविधता लाने की भी कोशिश कर रहा है, जिसमें यूनाइटेड किंगडम के साथ साझेदारी भी शामिल है, ताकि किसी एक देश पर अपनी निर्भरता कम की जा सके।
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